‘मन की बात’ कैसे बनी जन जन की बात..!!

रविवार को सुबह 11 बजे आकाशवाणी और दूरदर्शन से लेकर विभिन्न संचार माध्यमों पर गूंजने वाली आवाज ‘मेरे प्यारे देशवासियों’ अब न केवल मासिक मंत्र बन गई है बल्कि जन संवाद की पहचान भी है। इसे हम सभी मन की बात कार्यक्रम के नाम से जानते हैं जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों के साथ अराजनीतिक और प्रेरक संवाद करते हैं। 3 अक्टूबर को इस कार्यक्रम की 11वीं वर्षगांठ है। दरअसल श्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के करीब 5 महीने बाद बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व विजयादशमी के दिन 3 अक्टूबर 2014 को अपने इस सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ की शुरुआत की थी। आज यह कार्यक्रम महीने के आखिरी रविवार की पहचान और एक अनिवार्य जरूरत बन गया है। इस कार्यक्रम को रेडियो माध्यम को नया जन्म देने की दिशा में मील का पत्थर माना जाता है। खास तौर पर जब दुनिया संचार के नए युग के विभिन्न प्लेटफॉर्म के पीछे भाग रही हो तब किसी राष्ट्र प्रमुख द्वारा पारंपरिक और केवल आवाज़ पर केंद्रित माध्यम पर विश्वास जताना वाकई प्रशंसनीय एवं अचरज भरा प्रयास था लेकिन आज मन की बात कार्यक्रम के सवा...