ये चमक, ये दमक, फूलवन में महक, सब कुछ सरकार तुम्हई से है..।

यह उन दिनों की बात है…90 का दशक था और हम मध्यप्रदेश के संस्कारधानी के नाम से मशहूर जबलपुर शहर के नामी शासकीय मॉडल विज्ञान कॉलेज से फूल पत्तियों से जुड़े विषय वनस्पति विज्ञान (बॉटनी) में एमएससी की अंतिम परीक्षा देकर बनी बनाई लकीर पर चलते हुए एम फिल और फिर पीएचडी के सपने बुन रहे थे। सब कुछ ठीक था, अंक भी अच्छे थे,विषय भी और वातावरण भी अनुकूल था लेकिन फिर भी मन में एक बेचैनी थी..मन कुछ और करना चाहता था..कुछ लीक से हटकर। लेकिन पता नहीं था कि क्या और कैसे? तभी अचानक एक दिन अखबार में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता संस्थान का विज्ञापन प्रकाशित हुआ। आज के विद्यार्थियों के लिए संस्थान शब्द अचरज लग सकता है क्योंकि उनके लिए तो यह विश्वविद्यालय है। वे भी सही हैं और हम भी क्योंकि उन दिनों यह संस्थान ही था, विश्वविद्यालय बाद में बना। खैर, इस विज्ञापन में जनसंपर्क और पत्रकारिता के दो पाठ्यक्रमों के लिए 20-20 सीटों पर देश भर से आवेदन आमंत्रित किए गए थे । पहली बात तो यह है कि यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला संस्थान था और दूसरा इसमें जनसंपर्क जैसा बिल्कुल नया पाठ्यक्रम प्रस...